इसके बाद मांगपत्रक आन्दोलन का जत्था नरेला औद्योगिक क्षेत्र के पीर बाबा पार्क पहुंचा, जहां 11 बजे उत्तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन की बैठक शुरू हुई। इस बैठक में भोरगढ़, शाहपुर गढ़ी, होलंबी कलां, नरेला आदि क्षेत्रों के लगभग ढाई सौ मज़दूरों ने सक्रिय भागीदारी की। बैठक में 6 फरवरी को लाखों की तादाद में दिल्ली सचिवालय पहुंचने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हुआ और व्यापक मज़दूर जुटान के लिए बड़ी संख्या में कारखाना और बस्ती केन्द्रित बैठकें करने पर ज़ोर दिया गया। बैठक में सभी साथियों ने इस बात पर सहमति जतायी कि ठेका प्रथा का खात्मा, न्यूनतम मज़दूरी, सभी श्रम कानूनों को लागू कराने सहित मज़दूर वर्ग की मुक्ति के लिए एक लम्बे जुझारू तथा निर्णायक संघर्ष की ज़रूरत है ताकि मेहनतकश समाज की स्थापना की जा सके।
बैठक के बाद यूनियन के कार्यकर्ताओं और मज़दूर साथियों ने 6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय चलने के बारे में मांगपत्रक-आन्दोलन का पोस्टर लगाने का अभियान चलाया। नरेला औद्योगिक क्षेत्र के ए और बी ब्लॉक में सैकड़ों की संख्या में पोस्टर लगाए गए।
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