29 जनवरी। वज़ीरपुर कारखाना मज़दूर यूनियन के नेतृत्व में वज़ीरपुर के मज़दूरों का स्वागत केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस के बैरिकैडों से किया। केजरीवाल ने मज़दूरों से मिलने से इंकार कर दिया। परन्तु जब मज़दूर अपनी मांगो पर अडिग रहे और बैरिकेड कि तरफ बढने लगे तब केजरीवाल के दफ्तर ने फरमान दिया कि यूनियन के सिर्फ चार प्रतिनिधि ही केजरीवाल से मिल सकते हैं परन्तु यूनियन के प्रतनिधियों से भी मुख्यमंत्री नहीं मिले और न ही उनका कोई प्रवक्ता, बस सरकारी दफ्तरों सरीखे मज़दूरों के मांगपत्रक पर एक ठप्पा लगा दिया गया। वज़ीरपुर के मज़दूर केजरीवाल से मिलकर अपनी फैक्टरियों और झुग्गियों की हालत के बारे में बताकर उन्हें अपना मांगपत्रक सौंपना चाहते थे परन्तु केजरीवाल मज़दूरों से इतना डर गए कि उन्होंने पुलिस को आगे कर दिया। यूनियन ने एलान किया कि आने वाली ६ फरवरी को जब दिल्ली भर के मज़दूर सचिवालय पहुंचेंगे तब वज़ीरपुर के मज़दूर फिर से अपनी मांगों को लेकर सचिवालय पहुंचंगे और तब दिल्ली पुलिस और उनके बेरिकेड मज़दूरों के सैलाब को नहीं रोक पाएंगे।
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