Monday, January 13, 2014

उत्‍तर-पश्चिमी दिल्ली में सघन प्रचार व संपर्क अभियान


उत्‍तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन और स्त्री मज़दूर संगठन ने संयुक्त रूप से 8 जनवरी से 'मांगपत्रक आन्दोलन'   शुरुआत की और सघन पर्चा वितरण व संपर्क अभियान चलाया। इसके तहत हजारों पर्चे बांटे गए और मज़दूरों से संपर्क करके उन्हें मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा चुनाव से पहले मजदूरों के लिए किए वायदे याद दिलाने के लिए 6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय पर इकट्ठा होने का आह्वान किया।
उत्‍तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन की संयोजक कविता ने बताया कि 13 जनवरी तक यह अभियान नरेला औद्योगिक क्षेत्र, भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र, शाहाबाद डेयरी के एफ़ ब्लॉक और बस स्टैण्ड तथा शाहाबाद डेयरी के ही महाराणा प्रताप चौक में चलाया जा चुका है। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने पूरे इलाके के सभी मेहनतकशों की साझा मांगों और पूरी दिल्ली के मजदूरों की साझा मांगों वाले पर्चे बांटकर उन्हें मुख्यमंत्री केजरीवाल के चुनाव पूर्व वायदों की याद दिलायी। इन अभियानों के दौरान, उत्‍तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन के रामाधर, राकेश और फेबियन ने अपनी बात रखते हुए कहा कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में राजधानी की बहुत भारी मेहनतकश आबादी रहती है। लेकिन हमारी ज़िन्दगी के हालात क्या हैं? बवाना, भोरगढ़, नरेला, मेट्रो विहार, होलम्बी कलां, शाहाबाद डेयरी, बादली, राजा विहार, सूरज पार्क, रोहिणी सेक्टर 26-27 आदि इलाकों में आम नागरिकों, गरीब मेहनतकशों-मज़दूरों को रोज़ समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उन्हें बुनियादी सुविधाएँ और अपने क़ानूनी श्रम अधिकार तक नहीं मिलते। इस पूरे इलाके में गन्दे पानी की निकासी, शौचालयों की कमी और साफ-सफाई, पार्कों की खस्ता हालत, पानी की सप्लाई, कारख़ानों में मालिकों-ठेकेदारों की लूट और अंधेरगर्दी, सड़कों की ख़राब हालत, स्कूल और डिस्पेंसरी की कमी, महिलाओं से छेड़खानी, गरीबों तक से छीना-झपटी, मारपीट, पुलिस की मनमानी और उत्पीड़न जैसी समस्याएँ रोज़ की बात हैं। इसीलिए हम दिल्ली के सभी मज़दूरों के माँगपत्रक के साथ ही अपने इलाके की समस्त मज़दूर आबादी के माँगपत्रक को भी 6 फरवरी 2014 को मुख्यमन्त्री केजरीवाल को सौंपेंगे! अगर वाकई केजरीवाल मज़दूरों से किये गये वायदों को लेकर गम्भीर हैं तो उन्हें ये माँगें पूरी करनी चाहिए।
स्त्री मज़दूर संगठन की नेहा ने कहा कि दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में 'आप' पार्टी की सरकार बन गयी है। सत्‍त में आने से पहले केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से तमाम वायदे किये थे। दिल्ली के मज़दूरों से भी तमाम वायदे किये गये थे। पहली बार किसी मुख्यमन्त्री ने दिल्ली के लगभग 60 लाख मज़दूरों से वायदा किया है कि ठेका प्रथा समाप्त कर दी जायेगी, सभी झुग्गी निवासियों को पक्के मकान दिये जायेंगे, दिल्ली के सभी रेहड़ीवालों, खोमचेवालों, ठेलेवालों, रिक्शेवालों और पटरी दुकानदारों को सरकारी लाईसेंस और पक्की जगह दी जायेगी, श्रम विभाग में फैले भ्रष्टाचार को समाप्त किया जायेगा और सभी कारखानों, होटलों, दुकानों आदि में मज़दूरों के लिए श्रम कानून लागू किये जायेंगे! केजरीवाल ने कहा है कि अन्य पार्टियों की तरह वे अपने वायदों को नहीं भूलेंगे। लेकिन ऐसा लगता है कि वे अभी से ही मज़दूरों से किये गये वायदों को भूलने लगे हैं क्योंकि 4 जनवरी को विधानसभा के अपने भाषण में उन्हें मज़दूरों से किया गया कोई वायदा याद नहीं आया। ज़ाहिर है, मुख्यमन्त्री केजरीवाल इन वायदों को अपनेआप पूरा नहीं करेंगे बल्कि हमें उन्हें ये वायदे याद दिलाने पड़ेंगे।
8 जनवरी से शुरू हुए इस अभियान के तहत अब तक हजारों पर्चे बांटे जा चुके हैं और कई हजार मज़दूरों के बीच प्रचार किया है। इनमें से सैकड़ों मज़दूरों ने 6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय चलने के कार्यक्रम के लिए अपना नाम लिखवाया है।

कविता
संयोजक
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन

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