उत्तर-पश्चिमी
दिल्ली मज़दूर यूनियन की
संयोजक कविता
ने
बताया कि 13
जनवरी
तक यह अभियान नरेला औद्योगिक
क्षेत्र,
भोरगढ़
औद्योगिक क्षेत्र,
शाहाबाद
डेयरी के एफ़ ब्लॉक और बस स्टैण्ड
तथा शाहाबाद डेयरी के ही महाराणा
प्रताप चौक में चलाया जा चुका
है। इस दौरान कार्यकर्ताओं
ने पूरे इलाके के सभी मेहनतकशों
की साझा मांगों और पूरी दिल्ली
के मजदूरों की साझा मांगों
वाले पर्चे बांटकर उन्हें
मुख्यमंत्री केजरीवाल के
चुनाव पूर्व वायदों की याद
दिलायी। इन अभियानों के दौरान,
उत्तर-पश्चिमी
दिल्ली मज़दूर यूनियन के रामाधर,
राकेश
और फेबियन ने
अपनी बात रखते हुए कहा कि
उत्तर-पश्चिमी
दिल्ली में राजधानी की बहुत
भारी मेहनतकश आबादी रहती है।
लेकिन हमारी ज़िन्दगी के हालात
क्या हैं?
बवाना,
भोरगढ़,
नरेला,
मेट्रो
विहार,
होलम्बी
कलां,
शाहाबाद
डेयरी,
बादली,
राजा
विहार,
सूरज
पार्क,
रोहिणी
सेक्टर 26-27
आदि
इलाकों में आम नागरिकों,
गरीब
मेहनतकशों-मज़दूरों
को रोज़ समस्याओं का सामना करना
पड़ता है और उन्हें बुनियादी
सुविधाएँ और अपने क़ानूनी श्रम
अधिकार तक नहीं मिलते। इस पूरे
इलाके में गन्दे पानी की निकासी,
शौचालयों
की कमी और साफ-सफाई,
पार्कों
की खस्ता हालत,
पानी
की सप्लाई,
कारख़ानों
में मालिकों-ठेकेदारों
की लूट और अंधेरगर्दी,
सड़कों
की ख़राब हालत,
स्कूल
और डिस्पेंसरी की कमी,
महिलाओं
से छेड़खानी,
गरीबों
तक से छीना-झपटी,
मारपीट,
पुलिस
की मनमानी और उत्पीड़न जैसी
समस्याएँ रोज़ की बात हैं।
इसीलिए
हम दिल्ली
के सभी मज़दूरों के माँगपत्रक
के
साथ ही अपने इलाके की समस्त
मज़दूर आबादी के माँगपत्रक को
भी 6
फरवरी
2014
को
मुख्यमन्त्री केजरीवाल को
सौंपेंगे!
अगर
वाकई केजरीवाल मज़दूरों से
किये गये वायदों को लेकर गम्भीर
हैं तो उन्हें ये माँगें पूरी
करनी चाहिए।
8 जनवरी
से शुरू हुए इस अभियान के तहत
अब तक हजारों पर्चे बांटे जा
चुके हैं और कई हजार मज़दूरों
के बीच प्रचार किया है। इनमें
से सैकड़ों मज़दूरों ने 6
फरवरी
को दिल्ली सचिवालय चलने के
कार्यक्रम के लिए अपना नाम
लिखवाया है।
कविता
संयोजक
उत्तर-पश्चिमी
दिल्ली मज़दूर यूनियन
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