26 जनवरी। वजीरपुर में गरम रोला, ठंडा रोला, और स्टील लाइन के मज़दूरों के काम के हालात बेहद दयनीय है. १२-१४ घंटे 2000 डिग्री तापमान पर लोहे को स्टील में ढालते और फिर बर्तन, कीलें, कीपें व स्टील के अन्य पार्ट्स बनाते हैं। फैक्टरियों में आये दिन मज़दूर अपनी उंगलियां या हाथ गवां देते हैं या उनकी मौत हो जाती है, न तो किसी को मुआवजा मिलता है और न ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें जाते हैं। रेलवे लाइन के किनारे बसी हुयी झुग्गियों में फैक्टरियों का एसिड भरा रहता है जो पैर भी खराब करता है और रिस कर पानी की लाईन में भी जाता है। पटरी पर आये दिन किसी बच्चे की पटरी पर कट कर मौत हो जाती है। केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल को इस झकझोर देने वाली सच्चाई से मुखातिब कराने वज़ीरपुर कारखाना मज़दूर यूनियन के बैनर तले मज़दूर आने वाले बुद्धवार, 29 जनवरी को दिल्ली सचिवालय जा रहे हैं।
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