Friday, January 10, 2014

करावलनगर, खजूरी में मांगपत्रक आंदोलन का आगाज़

 9 और 10 जनवरी को मांगपत्रक आंदोलन करावलनगर और खजूरी के मज़दूरों के बीच  करावलनगर मज़दूर यूनियन और दिल्ली मज़दूर यूनियन के नेतृत्व में चलाया गया। करावल नगर और खजूरी में  लाखों की तादाद में मज़दूर रहते हैं लेकिन यह दिल्ली के वे हिस्से हैं जहाँ  अखबारो  की कलम और टीवी चैनलों के केमरे नहीं पहुँचते हैं। सिर्फ चुनाव के मौसम में ही चुनावी पार्टियां यहाँ अपने वायदे लेकर आती हैं और फिर ये वायदे फैक्ट्री इलाकों की मशीनों के शोर, बस्तियों की बजबजाती नालियों में डूब जाते हैं। इस बार यह केजरीवाल कि पार्टी के नारों और वायदों के साथ  न दोहराया जाए इसलिए दिल्ली के मज़दूर आने वाली ६ फरवरी को दिल्ली सचिवालय दस्तक देंगे। करावल नगर के बादाम मज़दूर कैलिफोर्निया के बादाम की तुड़ाई और सफाई जिन गोदामों में करते हैं वहाँ कोई श्रम कानून का पालन नहीं होता है, फेक्ट्री इलाके में हज़ारो वर्कशॉपों में न्यूनतम मज़दूरी और ८ घंटे के काम मज़ाक है। खजूरी की मज़दूर आबादी घरों में जो काम करती है या गांधी नगर या चांदनी चौक  जाकर मज़दूरी करती है वहाँ भी फैक्टरियों का यही हाल है। वज़ीरपुर, पीरागढ़ी, ओखला, करावल नगर, समयपुर बादली, गांधी नगर व दिल्ली के अन्य इलाकों में चलाये जा रहे दिल्ली मज़दूर मांगपत्रक आंदोलन का आज तीसरा दिन था।   


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