1)
निजी
व सरकारी क्षेत्रों में ठेका
प्रथा ख़त्म की जाय।
2)
झुग्गीवासियों
को पक्के मकान देने की समयसीमा
बतायें।
3)
दिल्ली
की समस्त कम्पनियों-कारखानों,
होटलों
व दुकानों में न्यूनतम मज़दूरी,
कार्यस्थल
सुरक्षा समेत सभी श्रम कानूनों
को लागू किया जाय।
4) सभी
मज़दूरों को पहचान कार्ड देना
सभी नियोक्ताओं के लिए अनिवार्य
बनाया जाय।
5)
शहरी
रोज़गार गारण्टी कानून बनाया
जाय जिसके तहत 200
दिनों
के रोज़गार की गारण्टी के साथ
रोज़गार न मिलने की सूरत में
जीवनयापन-योग्य
बेरोज़गारी भत्ता दिया जाय।
6)
भवन-निर्माण
मज़दूरों के लिए ‘सामाजिक
सुरक्षा कार्ड’
त्वरित
गति से बनाये जायें।
7)
दिल्ली
के सभी पटरी,
रेहड़ी,
रिक्शेवालों
को लाईसेंस व पक्की जगह मुहैया
कराने की समयसीमा बतायें।
8)
स्त्री
मज़दूरों के लिए बने श्रम
कानूनों को लागू किया जाय
जिसके तहत उन्हें मिलने वाली
सुविधाएँ तत्काल मुहैया करायी
जायें जैसे कि कार्यस्थल पर
पालनाघर,
शौचालय
आदि।
9)
घरेलू
कामगारों के लिए महाराष्ट्र
की तर्ज पर ‘घरेलू
कामगार कानून’
बनाया
जाय।
10)
मज़दूरों
की शिकायतों के लिए ‘मज़दूर
हेल्पलाइन’
शुरू
की जाय जिस पर शिकायत किये
जाने पर कार्रवाई हेतु विशेष
दस्ते बनाये जायें।
11)
श्रम
कानूनों पर अमल सुनिश्चित
करने के लिए लेबर इंस्पेक्टरों,
फैक्टरी
इंस्पेक्टरों आदि की संख्या
बढ़ायी जाये व हर औद्योगिक
क्षेत्र में एक श्रम न्यायालय
मुहैया कराया जाय।
No comments:
Post a Comment