रात को दीवार-लेखन के दौरान कुछ साथी वहां से गुजरने वाले लोगों को दिल्ली मांगपत्रक अभियान का पर्चा भी दे रहे थे। आज सुबह जब यूनियन और संगठन के कार्यकर्ता ई-ब्लॉक पहुंचे तो झुग्गीवासी उनके इर्द-गिर्द इकट्ठा हो गए और अपनी समस्याएं बताने लगे। इसके बाद हुई जनसभा में साथियों ने फिर से केजरीवाल के चुनावपूर्व वायदों और चुनाव जीतने के बाद उन पर चुप्पी साधने के बारे में बताया। सभा में साथियों ने कहा कि एक महीना बीतने के बाद भी केजरीवाल सरकार ने गरीब मेहनतकश आबादी के लिए कुछ ठोस नहीं किया। यहां तक कि केजरीवाल सरकार डीटीसी के ठेका कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोने की धमकी देकर काम पर वापस बुला रही है और हवाई वायदे कर रही है। ये सरकार किसी तरह वक्त काटने की रणनीति अपना रही है, यदि ऐसा नहीं है तो वह बताए कि वह मज़दूरों से किए गए वायदे कब तक और कैसे पूरा करेगी।
जनसभा और पर्चा-वितरण के बाद मांगपत्रक आंदोलन से जुड़े उत्तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन और स्त्री मज़दूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर लोगों बातचीत की और आंदोलन से सहमति जताने वालों के नाम-पते दर्ज किए।
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