दिल्ली, 30 जनवरी। मांगपत्रक आन्दोलन के तहत दिल्ली के
मज़दूरों की मांगों को लेकर 6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय पर
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की तारीख नज़दीक आने के साथ-साथ अभियान
में भी तेजी आ गयी है। उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली मज़दूर यूनियन और स्त्री मज़़दूर संगठन के
कार्यकर्ता सघन जनसंपर्क व प्रचार अभियान चला रहे हैं। इसी के तहत आज
शाहाबाद डेयरी के ई और डी ब्लॉक के प्लाटों में अभियान चलाया गया। इन
अभियानों में बहुसंख्यक मेहनतकश आबादी की बढ़ती शिरकत देखकर 'आप'
पार्टी के कार्यकर्ता-समर्थक बौखला रहे हैं, और जगह-जगह अभियान को
बाधित करने के अलावा गाली-गलौज, धमकी देने का काम कर रहे हैं। वे यहां
तक कह रहे हैं कि देखते हैं कि इस गली में या मोहल्ले में किसमें इतनी
हिम्मत है कि वह तुम्हारे अभियान में शामिल हो।
आज शाहाबाद डेयरी के अभियान में भी लगभग सभी सभाओं, गलियों में 'आप' के कार्यकर्ताओं-समर्थकों ने यूनियन औरस्त्री मज़दूर संगठन की कार्यकर्ताओं से बदतमीजी तक की और एक जगह गाली गलौज भी किया, जिनमें एक-दो जगह तो ये कार्यकर्ता या समर्थक सुबह सुबह शराब पीकर आए हुए थे। अभियान से जुड़े कार्यकर्ता उनसे पहले की ही तरह लगातार अनुरोध करते रहे कि हम लोग जनवादी तरीके से जनता के बीच अपनी बात लेकर जा रहे हैं, जिसका मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खूब दुहाई देते हैं, आप लोग भी अपनी बात लेकर लोगों के बीच जाइए, हमें तंग करने के तरीके से आप अपनी ही पार्टी के'उसूलों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वे अभियान के साथियों से कहने लगे कि आप लोग केजरीवाल को समय नहीं दे रहे हैं। इस पर, साथियों ने उन्हें विनम्रतापूर्वक बताया कि केजरीवाल मज़दूरों से किए गए वायदों को पूरा नहीं कर रहे हैं, जबकि डेढ़ महीने बीत चुके हैं और केजरीवाल सरकार मज़दूरों से किए गए वायदों को पूरा करने की कोई निश्चित समयावधि भी नहीं बता रही हैं। इसीलिए, मज़दूरों का यह कर्तव्य बनता है कि वे 6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय पहुंच कर सरकार को इन वायदों पर अमल करने की याद दिलाएं। अभियान के साथियों ने यह भी कहा कि आप पार्टी का तो मुख्य नारा ही भ्रष्टाचार से मुक्ति का है, लेकिन सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार तो श्रम-विभाग में व्याप्त है, जिससे दिल्ली की लगभग 60 लाख मज़दूर आबादी प्रभावित है। इसको खत्म करने के लिए भी सरकार ने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है। लिहाजा इन वायदों की याददिहानी के लिए लाखों मज़दूर 6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय पर पहुंचेंगे, जैसाकि अरविन्द केजरीवाल ने भी यह कहा था कि आप हमें इन वायदों की याद दिलाते रहिए। इसके बावजूद उन्होंने बदतमीजी और धमकी देना व गाली-गलौज जारी रखा।
दूसरी ओर, बहुसंख्यक मेहनतकश आबादी में यह अभियान काफी लोकप्रिय हो रहा है, और मज़दूर भी स्वीकार कर रहे हैं कि एकजुट हुए बिना हमें अपने अधिकार नहीं मिलने वाले। इसी क्रम में, हर अभियान में सैकड़ों लोग 6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय पहुंचने के लिए अपना नाम-पता दर्ज करा रहे हैं।
आज शाहाबाद डेयरी के अभियान में भी लगभग सभी सभाओं, गलियों में 'आप' के कार्यकर्ताओं-समर्थकों ने यूनियन औरस्त्री मज़दूर संगठन की कार्यकर्ताओं से बदतमीजी तक की और एक जगह गाली गलौज भी किया, जिनमें एक-दो जगह तो ये कार्यकर्ता या समर्थक सुबह सुबह शराब पीकर आए हुए थे। अभियान से जुड़े कार्यकर्ता उनसे पहले की ही तरह लगातार अनुरोध करते रहे कि हम लोग जनवादी तरीके से जनता के बीच अपनी बात लेकर जा रहे हैं, जिसका मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खूब दुहाई देते हैं, आप लोग भी अपनी बात लेकर लोगों के बीच जाइए, हमें तंग करने के तरीके से आप अपनी ही पार्टी के'उसूलों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वे अभियान के साथियों से कहने लगे कि आप लोग केजरीवाल को समय नहीं दे रहे हैं। इस पर, साथियों ने उन्हें विनम्रतापूर्वक बताया कि केजरीवाल मज़दूरों से किए गए वायदों को पूरा नहीं कर रहे हैं, जबकि डेढ़ महीने बीत चुके हैं और केजरीवाल सरकार मज़दूरों से किए गए वायदों को पूरा करने की कोई निश्चित समयावधि भी नहीं बता रही हैं। इसीलिए, मज़दूरों का यह कर्तव्य बनता है कि वे 6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय पहुंच कर सरकार को इन वायदों पर अमल करने की याद दिलाएं। अभियान के साथियों ने यह भी कहा कि आप पार्टी का तो मुख्य नारा ही भ्रष्टाचार से मुक्ति का है, लेकिन सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार तो श्रम-विभाग में व्याप्त है, जिससे दिल्ली की लगभग 60 लाख मज़दूर आबादी प्रभावित है। इसको खत्म करने के लिए भी सरकार ने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है। लिहाजा इन वायदों की याददिहानी के लिए लाखों मज़दूर 6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय पर पहुंचेंगे, जैसाकि अरविन्द केजरीवाल ने भी यह कहा था कि आप हमें इन वायदों की याद दिलाते रहिए। इसके बावजूद उन्होंने बदतमीजी और धमकी देना व गाली-गलौज जारी रखा।
दूसरी ओर, बहुसंख्यक मेहनतकश आबादी में यह अभियान काफी लोकप्रिय हो रहा है, और मज़दूर भी स्वीकार कर रहे हैं कि एकजुट हुए बिना हमें अपने अधिकार नहीं मिलने वाले। इसी क्रम में, हर अभियान में सैकड़ों लोग 6 फरवरी को दिल्ली सचिवालय पहुंचने के लिए अपना नाम-पता दर्ज करा रहे हैं।